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बीएलओ शिक्षकों को भी मिले ग्रीष्मकालीन अवकाश - गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

सिरोही - राजस्थान शिक्षक संघ(प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि कोविड-19 की ड्यूटी में लगे बीएलओ शिक्षकों को भी ग्रीष्मकालीन अवकाश दिये जाये ।

गहलोत ने ज्ञापन में बताया कि कोविड -19 के विभिन्न कार्यों में जिन शिक्षकों द्वारा पिछले 50 दिनों से निरन्तर डयूटी दी जा रही है ,उनमें वो शिक्षक भी है जो बीएलओ के रूप में प्रतिनियुक्त है, लेकिन इन बीएलओ शिक्षकों को प्रशासन द्वारा अन्य शिक्षकों की तरह ग्रीष्मकालीन अवकाश नहीं दिये जा रहे है, जो एक तरह से इन बीएलओ शिक्षकों के साथ प्रशासन का सौतेला एवम अमानवीय व्यवहार दर्शाता है तथा बिना मानदेय और उपार्जित अवकाश के प्रशासन द्वारा इन बीएलओ का घोर आर्थिक एवम मानसिक शोषण किया जा रहा है, जो न्यायपूर्ण बिल्कुल नहीं कहलाता है। कुछ जिलों, जैसे - नोखा(बीकानेर), लक्ष्मणगढ़(सीकर) और फलौदी(जोधपुर) में उपखण्ड अधिकारी द्वारा बीएलओ शिक्षकों को भी ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ दिया गया है।

गहलोत ने ज्ञापन में कहा कि इन बीएलओ शिक्षकों का पिछले 6 माह का मानदेय बकाया है ,इस प्रकार इन बीएलओ शिक्षकों से पिछले कई महीनों से बिना मानदेय और बिना दीपावली एवम शीतकालीन अवकाश दिये बगैर काम करवाया जा रहा है तथा आये दिन बीएलओ शिक्षकों के लिए तरह तरह के काम के आदेश जारी करके इन बीएलओ से कोल्हू के बैल की काम करवाकर बीएलओ शिक्षकों का प्रशासन द्वारा बहुत ही शोषण किया जा रहा है ,जबकि बीएलओ की प्रतिनियुक्ति सिर्फ मतदाता सूचियों के निर्माण सम्बंधित कार्यों के लिए ही जाती है ।

गहलोत ने ज्ञापन में प्रशासन द्वारा किये जा रहे बीएलओ शिक्षकों के साथ अन्याय और अमानवीय शोषण पर घोर नाराजगी व्यक्त करते हुए इन बीएलओ शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश देने ,इनके बकाया मानदेय के भुगतान करने और इन्हें उपार्जित अवकाश का लाभ देने के आदेश तुरन्त जारी करने की सख्त मांग शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री से की है ।

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